Azadi Ka Amrit Mahotsav essay in hindi: 15 अगस्त 2024 को भारत की स्वतंत्रता का 78वां वर्ष मनाया जाएगा। 12 मार्च 2021 के दिन अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में आजादी के अमृत महोत्सव (Essay on Azadi ka Amrit Mahotsav) का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा किया गया था। इस दिन उद्घाटन करने के पीछे यह कारण था कि महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह की शुरुआत भी इसी दिन की थी।
आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav essay in hindi) की शुरुआत 12 मार्च 2021 को हुई थी और इसकी समाप्ति 15 अगस्त 2023 को हुई थी।
आजादी का अमृत महोत्सव क्या है: Azadi Ka Amrit Mahotsav essay in hindi
हमारे देश भारत की स्वतंत्रता (Azadi Ka Amrit Mahotsav essay in hindi) का वर्ष 2024 भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस है क्योंकि हमारे देश को आजादी मिले हुए 77 साल पूरे हो गए हैं। यही वजह है कि यह भारत की आजादी का 78वां वर्षगांठ है जिसे भारत के सरकार ने आजादी का अमृत महोत्सव नाम दिया हुआ है। हमारे देश की आजादी की बात करें तो हम सभी को पता है कि वह 15 अगस्त सन् 1947 को मिल गई थी। इस दिन हमारे देश में तिरंगा झंडा (Azadi ka Amrit Mahotsav Flag) फहराया गया था।
अगर हम तकनीकी रूप से बताएं तो देश का पहला स्वतंत्रता दिवस उसी दिन था यानी की 15 अगस्त 1947 में ही था। इसके बाद 15 अगस्त सन् 1948 के दिन भारत का दूसरा स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था और आजादी की पहली वर्षगांठ उसी दिन थी। ठीक उसी गणित के हिसाब से अगर हम बताएं तो 15 अगस्त 2024 को देश की आजादी की 78वीं वर्षगांठ होगी यानी कि भारत की आजादी के 77 वर्ष पूरे हो चुके हैं। अब भारत में 78वां स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त के दिन मनाया जाएगा और हमारा भारत आजादी के 79वें साल में प्रवेश करेगा।
आजादी का अमृत महोत्सव क्यों मनाया जाता है?
आजादी का अमृत महोत्सव (Essay on Azadi ka Amrit Mahotsav) मनाने का कारण यह है कि यह आजादी का जश्न है जिसे हर 25 साल में बड़ी ही धूमधाम से त्योहार की तरह मनाया जाता है । इसे मनाने का एक कारण यह भी है कि आजादी के अमृत महोत्सव के दिन भारत पर मर मिटने वाले उन शहीदों और बलिदानों को हम दिल से याद कर सकते हैं। जिन्होंने हमारे देश को अंग्रेजों के कैद से निकला अंग्रेजी हुकूमत से हमें आजाद करवाया और कैद भारत को आजाद भारत बनाने के लिए बिना कुछ सोचे बिना स्वार्थ के अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया गया या आजादी का अमृत महोत्सव दांडी में शुरू हुई थी। इसे भारत की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष मेंआयोजित किया गया था। यहां कार्यक्रमों की एक श्रृंखला थी जिसमें जन-भागीदारी की भावना से आजादी को जान उत्सव के रूप में मनाया गया था। आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav Essay In Hindi) ऐसा महोत्सव था जिसमें पूरा देश एक हो जाता था क्योंकि यह त्यौहार किसी भी मनुष्य में भेदभाव नहीं करता था सारी जाति, धर्म, भाषा, रंग मजहब में मेलजुल बनाए रखता था।
सारे भारतवासी इसे बहुत ही धूमधाम से मानते थे 78 वर्ष पहले हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने इसे प्रदान किया था यही वजह है कि यह दिन उनको याद करने के लिए है, प्रेरणा लेने के लिए है। अपने देश के लिए समर्पित होने का दिन है खास कर यह दिन तो उन शहीद वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का है। हम सभी को मिलकर उन्हें धन्यवाद करना चाहिए जिन्होंने देश के लिए अपनी जान न्योछावर की है। अगर आपको ना पता हो तो आजादी अमृत महोत्सव (Essay on Azadi ka Amrit Mahotsav) को मनाए जाने के पीछे खास कारण है।
पहला कारण तो यह है कि भारत को अंग्रेजों के गुलामी सी आजादी मिली थी। दूसरे कारण की बात करें तो वह है कि देश को स्वतंत्र करने के लिए हमारे भारत के कई सपूतों ने अपनी जान गवाई है अपना बलिदान दिया है बहुत दुख के साथ कहे तो हमें उन्हें याद करना चाहिए इस दिन। तीसरा कारण यह है कि इस दिन आजादी के 78वें वर्ष पूरे हो जाएंगे। यही वह कारण है जो आजादी के अमृत महोत्सव के माध्यम उन सभी लोगों को स्वतंत्रता और लोकतंत्रता की सही मायने पता होनी चाहिए।
साथ ही साथ यह बताना भी बेहद जरूरी है कि 75वें वर्षों में भारत ने क्या-क्या उपलब्धियां हासिल की हैं। आज के समय में जो 18 से 35 वर्ष की युवा पीढ़ी है वह आजादी के संघर्ष और लोकतंत्र के महत्व को बहुत ही अच्छे ढंग से नहीं जानती उन्हें थोड़ी बहुत ही जानकारी है। बहुत सारी विचारधारा में बटी यह पीढ़ी गुमराही की एक चौराहे पर आज खड़ी है। ऐसे में अपने देश के इतिहास और वर्तमान की जानकारी युवा पीढ़ी को देना बहुत जरूरी है।
Essay on Azadi ka Amrit Mahotsav
आपने ऐसा कहीं सुना होगा कि जिनका इतिहास बदल जाता है उनका भूगोल भी बदल जाता है अर्थात जिस इंसान को अपना इतिहास नहीं याद रहता उनका भूगोल भी कब बदल जाए उन्हें पता नहीं चलता और ऐसा आपको हर जगह पर देखने को भी मिला होगा। जब हमारे देश का विभाजन हुआ तब बहुत सी कुर्बानियां व्यर्थ चली गई थी। हमारा देश आजादी के समय किन परेशानियों से गुजरा है, किन-किन चुनौतियों का सामना किया है और क्या-क्या कुर्बानियां दी हैं इन सारी बातों की खबर युवा पीढ़ी को होनी ही चाहिए।
साथ ही साथ यह भी बताना जरूरी है कि आने वाले समय में भी उन्हें बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। अगर हम बात करें किताबें और स्कूलों कीतो बहुत सारे बच्चे को पढ़ाई गए पाठ से आजादी के बारे में बहुत कुछ जानने को मिल जाता है लेकिन उन्होंने कितना संघर्ष किया, कितनी लड़ाइयां लड़ी, कितनी कुर्बानियां दी यह स्कूल उन्हें सही तरीके से पूरी जानकारी देकर नहीं बताता। ना ही किसी पाठ में पूरी जानकारी के साथ लिखा होता है। अगर हम इतिहास की किताब की बात कर रहे हैं तो उनके द्वारा दी गई पाठ्यक्रम में भी इतिहास के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी गई होती।
भारत देश को पूरे विश्व अर्थव्यवस्था में एक शक्ति के सम्मान माना गया है। हम सभी को पता है कि भारत देश में युवाओं की संख्या बहुत ही ज्यादा है और अपनी काबिलियत को लगातार सफलता और उन्नति के पर्चम को लहराने के लिए हमारी युवाएं काफी मेहनत कर रही है। हमारे देश की युवाएं भारत के विकास के लिए भी काफी सहयोग कर रही है लेकिन भारत में एक बुरी अर्थव्यवस्था का दौर अभी भी है। जब आजादी के बाद भारतमें बंटवारा हुआ था और भारत को चीन के साथ युद्ध लड़ना पड़ा था उसे समय भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बिखर चुकी थी।
लेकिन फिर भी लगातार प्रयास करने के बाद और देश प्रेम के दम पर भारत को आज एक बड़ी अर्थव्यवस्था का देश माना जाता है और हर क्षेत्र में भारत विकास कर रही है इसे एक विकसित देश भी कहा जाता है। आज भारत देश में परमाणु शक्ति होने के साथ ही बड़ी सैन्य शक्ति भी मौजूद है। बस इतना ही नहीं चांद और मंगल पर मानव रहित मिशन भेजने वाले पांच देशों की लिस्ट कि अगर हम बात करें तो भारत का नाम भी वाहन शामिल है। यही कारण है कि हर भारतवासी अपने आप को गर्वित महसूस करता है।
बस इतना ही नहीं भारत एक इकलौता ऐसा देश है जिसने बहुत कम खर्चे में ही मिशन मंगल की शुरुआत करके पहली बार में ही सफलता पाई। अब अगर हम उत्पादन की बात करें तो इस मामले में भी भारत में कई देशों को अकेले ही पीछे छोड़ दिया है। अगर आपको ना पता हो तो ‘सबका साथ सबका विकास’ के नारे के साथ भारत सरकार लगातार अपनी योजनाओं के जरिए से लोगों तक अपनी सेवाएं पहुंचा रही है। जिसकी वजह से आज हमारा भारत बदला हुआ नजर आता है हमारा भारत उन्नति की ओर बढ़ता नजर आ रहा है।
आज के समय में सारी दुनिया भारत को सम्मान और आशा भरी नजरों से देख रही है सबके लिए भारत एक महान देश है। हम सभी को भी इन बातों पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि हम भारतवासी है तो क्या हुआ जब हम भी इन सारी बातों पर ध्यान देंगे सारी बातों को याद करेंगे तो हम सभी को भी बहुत ही गर्व महसूस होगा। गर्व इस बात का कि हम सब भारतवासी हैं हम सब भारत में ही पैदा हुए, भारत जैसे देश में पाल पड़े इसलिए आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav Essay) मानना हमारे लिए बेहद जरूरी है।
Azadi ka Amrit Mahotsav Rangoli Competition
आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav Essay in Hindi) किसी विशेष जाति, धर्म अथवा राज्य का तो नहीं है जिससे आपको इतना सोचना पड़ रहा है संपूर्ण देश भारत के लिए महत्वपूर्ण ने संपूर्ण देश के लिए भारत की नजरिया बराबर है। इस राष्ट्रीय महोत्सव के दिन सभी सरकारी भवन और घरों पर तिरंगा फहराया जाता है, कई जगह तो रंगोली की प्रतियोगिताएं (Azadi ka Amrit Mahotsav Rangoli Competition) भी होती हैं और कई सारी जगह पर रैलियां भी निकल जाती है। यह सब करने का मकसद और कारण बस यही है कि लोगों तकआजादी की खुशियां पहुंचाई जा सके।
स्कूलों में पढ़ने वाले छोटे-छोटे विद्यार्थी भी अपने घर तथा स्कूल को सजाते हैं, उनके यहां भी रंगोली की प्रतियोगिताएं होती है और रेलियां निकाली जाती है झंडे लेकर। स्कूल के बच्चे तो सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेकर अपने कला के माध्यम से आजादी की खुशी मनाते हैं कई सारे स्कूलों में तो बहुत ही अच्छे तरीके से तैयारी 1 महीने पहले ही शुरू हो जाती है। उस दिन बच्चों को आजादी के संघर्ष की कुर्बानियों की जानकारी भी दी जाती है।
15 अगस्त 2021 से भारत में आजादी के अमृत महोत्सव का कार्यक्रम शुरू हो चुका था। इस दिन देश में संगीत, नृत्य, प्रवचन और प्रस्तावना पठन सभी चीज शामिल हैं। इस महोत्सव में तो देश की संस्कृत को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए थे। सबसे अच्छी बात तो यह है कि आजादी की अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav Essay In Hindi) में चरखी से लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा दिया गया। यही वजह है की साबरमती आश्रम में एक चरखा रखा गया है जब कोई व्यक्ति लोकल व्यापारी और कंपनी का सामान खरीदने के बाद उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर लोकल फॉर वोकल का टैग लगाकर सोशल मीडिया पर डालेगा तो उसके तुरंत बाद ही यह चरखा घूमेगा।
आजादी के अमृत महोत्सव का उद्देश्य: Azadi ka Amrit Mahotsav Essay
आजादी के अमृत महोत्सव के उद्देश्य कुछ इस प्रकार है:-
यह लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जागना चाहता है जो कहीं खो गई है।
पूरे देश में देशभक्ति की भावना को जागना चाहता है और इसे ज्यादा लोगों तक फैलाना चाहता है।
हमारे देश के युवा पीढ़ी को आजादी का सही मतलब समझाना चाहता है।
यह उन लोगों और सिपाहियों को याद करना चाहता है। जिन्होंने भारत को आजाद करने के लिए जान कुर्बान की थी।
यह देश में युवाओं को तथा देश के बच्चों को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के लिए जागरूक करना चाहता है उनके मन में तिरंगा का सम्मान बढ़ाना चाहता है।
हर घर तिरंगा घर-घर तिरंगा अभियान
हमारे देश को जब आजादी मिली थी उसके बाद पहली बार 15 अगस्त सन् 1947 को देश में झंडा (Azadi ka Amrit Mahotsav Flag) फहराया गया था। आजादी के अमृत महोत्सव के जश्न पर भारत सरकार ने हर घर तिरंगा (Har Ghar Tiranga Abhiyan) अभियान की शुरुआत की थी। हर घर तिरंगा आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में लोगों को तिरंगा घर लाने और उसे अपने घर में लहराने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह हमारे देश को मिली आजादी के 75वें वर्ष को चिन्हित करने के लिए एक अभियान है।
राष्ट्रीय ध्वज के साथ-साथ हमारा संबंध हमेशा व्यक्तिगत से अधिक औपचारिक और संस्थागत ही रहा है। स्वतंत्रता दिवस के 75वें वर्ष में एक राष्ट्र के रूप में ध्वज को अधिक मात्रा में घर लाना और लहराना ना ही केवल तिरंगे से व्यक्तिगत संबंध का एक कार्य है बल्कि राष्ट्र निर्माण के लिए हमारी प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है। इस महोत्सव के पीछे का विचार बस इतना ही है कि लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जागना चाहिए और राष्ट्रीय ध्वज के लिए सम्मान की जागरूकता बढ़ानी चाहिए।
पूछे जाने वाले प्रशन: Frequently Asked Questions
1. आजादी का अमृत महोत्सव निबंध क्या है?
आजादी का अमृत महोत्सव भारत की सामाजिक-संस्कृति, राजनीतिक और आर्थिक पहचान के लिए शुरू की गई है।
2. आजादी का अमृत महोत्सव क्यों मनाया जाता है?
यह महोत्सव भारत के उन लोगों के लिए समर्पित है जिन्होंने न ही केवल भारत को विकसित देश बनाने में मदद की है बल्कि उनके भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत 2.0 को सक्रिय करने के लिए भी योगदान दिया है।
3. आजादी का अमृत महोत्सव कब शुरू हुआ और इसके प्रमुख उद्देश्य क्या है?
12 मार्च 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव शुरू किया गया इसके पहले 8 मार्च 2021 को राष्ट्रीय समिति की पहली बैठक कराई गई थी। इसके बाद दूसरी बैठक 22 दिसंबर 2021 को की गई थी। इस महोत्सव का खास उद्देश्य यही है यह महोत्सव उन लोगों के लिए समर्पित प्रतिमा ने देश के लिए अपनी जान दी है तथा इसे विकसित बनाने में अपनी भूमिका निभाई है।
4. आजादी का अमृत काल क्या है?
आजादी का अमृत काल 25 साल 2022 से 15 अगस्त 2047 तक है। इसका उद्देश्य देश को हर क्षेत्र में महान बनाने के लिए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह अमृत काल हमारे युवा पीढ़ी के लिए खास महत्व रखता है।
5. अमृत काल का उद्देश्य क्या है?
अमृत काल का उद्देश्य नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए है, गांव और शहरों के बीच विकास विभाजन को कम करना चाहता है, लोगों के जीवन में शारीरिक हस्तक्षेप को भी कम करना चाहता है और फिर नवीनतम तकनीक प्राप्त करना चाहता है।
6. अमृत काल का क्या महत्व है?
अमृत काल का लक्ष्य गांव और शहर के क्षेत्र के बीच भारतीय आवासियों के लिए जीवन की गुणवत्ता सुधारने के प्रति विकास करना चाहता है। “अमृत काल” शब्द ज्योतिषी में आता है या एक खास अवधि को दर्शाता है जिससे मनुष्य को बहुत ही ज्यादा आनंद मिलता है।