Sadachar Par Nibandh | सदाचार पर निबंध

 

Sadachar Par Nibandh

आज की इस पोस्ट में हम सदाचार पर निबंध (Sadachar Par Nibandh) लिखेंगे। सदाचार हर मानव जाति के लिए बहुत बड़ा गुण माना गया है। तो चलिए हम जानते हैं सदाचार का अर्थ (Sadachar ka arth), सदाचार का महत्व (Sadachar ka mahatva) तथा सदाचार की विशेषताएं (Sadachar ki visheshta)। 

Sadachar Par Nibandh | सदाचार पर निबंध 

Sadachar Par Nibandh: अगर सदाचार का गुण किसी मनुष्य में हो तो वह सबसे महान माना जाता है। लेकिन हर किसी के मन में सदाचार का भाव हो ऐसा जरूरी नहीं क्योंकि बस महान लोगों में ही सदाचार का भाव होता है। अपने अंदर सदाचार लाने के लिए हर मनुष्य को कठोर कठोर तपस्या, धैर्य, साधना, त्याग और बलिदान की आवश्यकता होती है। सदाचार का गुण अपनाकर हम अपने जीवन में आसानी से सफलता हासिल कर सकते हैं। 


कोई भी सदाचारी (Sadachar Par Nibandh) व्यक्ति कभी निराश नहीं हो सकता। अगर कोई व्यक्ति सदाचारी है तो उसके जीवन में कैसी भी स्थिति क्यों ना हो वह उसका डटकर मुकाबला करता है। हर मनुष्य तथा हर मनुष्य का परिवार समाज का ही अंग होता है और हमारे समाज के कुछ नियम और मर्यादाएं भी होती हैं। सारी नियम और मर्यादाओं का पालन करके हर व्यक्ति को अपने परिवार के साथ-साथ देश का भी नाम रोशन करने के लिए मेहनत करनी चाहिए। 

Sadachar Meaning | Sadachar Ka Arth | सदाचार का अर्थ 

Sadachar Meaning: सदाचार दो शब्दों के मिलकर से बना हुआ शब्द है जिसका अर्थ (Sadachar ka arth) होता है सत् और आचार। सत् का अर्थ है सज्जन और आचार का अर्थ है आचरण। अगर कोई व्यक्ति सदाचारी है तो वह सत्य, अहिंसा, विश्वास और प्रेम-भाव को धारण करता है। जो व्यक्ति सदाचार (Sadachar ka matlab) के गुण को धारण करता है उस व्यक्ति को सदाचारी कहते हैं। अगर कोई व्यक्ति सदाचारी (Sadachar Par Nibandh) है तो वह व्यक्ति ईमानदार और आत्मविश्वास से हमेशा भरपूर होगा जिसकी वजह से उसे समाज तथा संसार में बहुत ही सम्मान मिलेगा। 


सदाचारी (Sadachar per nibandh) व्यक्ति की पहचान है कि वह हमेशा सत्य बोलता है चाहे कितनी भी मुसीबत आए वह सत्य की राह पर चलना नहीं छोड़ता। सदाचारी व्यक्ति हमेशा खुश रहता है और उसका मन भी हमेशा सुख में रहता है अगर उसके संपर्क में कोई व्यक्ति हो तो वह भी प्रश्न रहने लगता है। सारे मनुष्य के जीवन में विपत्तियां और प्रतिकूल परिस्थितियाँ आती हैं जो की सदाचारी व्यक्ति को डगमगाने पर मजबूर कर देती है। 


हर सदाचारी (Sadachar Par Nibandh) व्यक्ति की यह पहचान है कि वह हमेशा काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार से कोसों दूर रहता है। मनुष्य अपने जीवन में सत्संग, अध्यन और अभ्यास के द्वारा सफलता हासिल करता है। सदाचारी मनुष्य जीवन का वह कहना होता है जिसकी तुलना में सारी दुनिया के भौतिक वस्तुएं छोटी नजर आती है। सदाचार जो कि मनुष्य की सबसे बड़ी बालशक्ति मानी जाती है इसकी वजह यह है कि इसके द्वारा मनुष्य सभी प्रकार की मानसिक दुर्बलताओं को अपने जीवन से हटा सकता है। 

Sadachar Ka Mahatva| सदाचार का महत्व हिन्दी में 

चलिए जानते हैं सदाचार के महत्व (Sadachar Ka Mahatva) के बारे में, किसी भी व्यक्ति के चरित्र के निर्माण पर सदाचार का बहुत ही बड़ा योगदान होता है। हमारे देश के अनेकों ऋषि मुनि, साधु संत और महापुरुषों ने सदाचार के गुणों (Sadachar ka Mahatva Nibandh) को अपनाकर संसार में सत्य, शांति और अहिंसा का पाठ पढ़ाने में कामयाबी हासिल की है। अगर कोई व्यक्ति सदाचार का गुण अपना ले तो उसके बाद उसे अन्य किसी चीज की आवश्यकता नहीं होती है। 


सदाचार का इतना महत्व है कि उसे अपनाकर मनुष्य अपने साथ-साथ राष्ट्र और समाज का भी कल्याण कर सकता है। अगर कोई सदाचारी व्यक्ति है तो उसे हर कोई पसंद करता है क्योंकि सदाचारी (Sadachar ka Mahatva par nibandh) व्यक्ति बुरे कर्मों जैसे की क्रोध, ईर्ष्या, छल, मोह आदि से हमेशा दूर रहता है। कोई भी सदाचारी व्यक्ति अपने जीवन में सुख-समृद्धि हासिल कर सकता है। एक सदाचारी व्यक्ति कठिन से कठिन परिस्थिति से जिस तरह से निकल सकता है और जिस तरह से सफलता पा सकता है उतनी आसानी से कोई भी आम व्यक्ति नहीं कर सकता। 


अगर हम किसी चरित्रहीन व्यक्ति की बात करें तो वह पशु के समान होता है और सदाचार (Sadachar Per Nibandh) हमेशा पशुओं से दूरी बनाए रखता है। जैसे कोई माली पौध तैयार करता है पानी, खाद डालता है और समय-समय पर उसके आसपास की सफाई करते रहता है ताकि पेड़ का विकास ना रुके ठीक उसी प्रकार से बच्चों का भविष्य बनाने में माता-पिता और गुरुजनों का बहुत ही बड़ा योगदान होता है। 


अगर माता-पिता अपने बच्चों को बचपन से ही सदाचार (Sadachar ka Mahatva in hindi) तो वह प्रसिद्धि हासिल कर सकता है। अगर हम महान व्यक्तियों की बात करें जैसे- गुरू नानक, संत कबीर, रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, स्वामी रामदास, संत तुकाराम लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, महात्मा गांधी आदि तो उन सभी महापुरुषों ने भी जीवन में सदाचार का ही पालन किया था। 

Sadachar Ki Visheshta | सदाचार की विशेषता 

सदाचार की विशेषता (Sadachar ki visheshta) क्या है? अगर आपके मन में भी यह प्रश्न है तो सदाचार की विशेषताएं (Sadachar ki visheshtaen) हमने नीचे कुछ प्वाइंट्स में बताई (Sadachar ki visheshtaen bataiye) है:-


  • सदाचार ही हर मनुष्य को महान बनाता है।

  • अगर कोई सदाचारी व्यक्ति है तो वह क्रोध नहीं करता है।

  • सदाचारी मनुष्य हमेशा बड़ों का आदर और सम्मान करता है। 

  • अगर मनुष्य को देवत्व की तरफ जाना है तो सदाचारी होना जरूरी है। 

  • सदाचारी (Sadachar Par Nibandh) व्यक्ति कभी झूठ की राहों पर नहीं चलता बल्कि सत्य बोलना ही आदत होती है। 

  • अगर कोई मनुष्य सदाचारी व्यक्ति के साथ रहता है तो उसे सत्य की राह पर चलने की प्रेरणा मिलती है। 

  • हमारे जीवन में कर्म का सबसे ज्यादा महत्व है और वह हर सदाचारी व्यक्ति जानता है। 

  • सदाचारी व्यक्ति के जीवन में कभी निराशा नहीं आती वह हमेशा मन से प्रसन्न रहता है।

  • सदाचारी व्यक्ति की पहचान है कि वह हमेशा नैतिक और मौलिक कार्यों का पालन करता है। 

  • हमेशा परिवार और समाज में सदाचारी व्यक्ति की इज्जत की जाती है। 

  • आपके आसपास रहने वाले सदाचारी (Sadachari per nibandh) मनुष्य का व्यवहार सदैव सरल, प्रेम भाव और मिलनसार होगा।

निष्कर्ष 

हर सदाचारी (Sadachar Par Nibandh) मनुष्य का आचरण उसका प्रत्यक्ष उदाहरण होता है। उस मनुष्य के जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाई क्यों ना आ जाए वह कभी पीछे नहीं भागता और डटकर मुसीबत का सामना करता है। अपने जीवन में सदाचार (Sadachar ka arth) को अपनाना बहुत ही बड़ी बात होती है और यह मन में अचानक नहीं आता इसके लिए एकांत में बैठकर मंथन करना पड़ता है। 


अगर आपको सदाचार (Sadachar ka mahatva) को अपनाना हैतो आपको अपने परिवार को समझना होगा एक दूसरे की मदद करनी होगी और सदाचार (Sadachar ki visheshta) का पालन करने के लिए हमेशा सत्य की राह पर चलना होगा। याद रखें सदाचार (Sadachar per nibandh) से हम संसार में अलग जगह बना सकते हैं।

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